मुझे कदम कदम पर कविता अपने जीवन के प्रति किस प्रकार के दृष्टिकोण का विकास करती है उल्लेख कीजिए?
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मुझे कदम कदम पर कविता जीवन में एक अलग प्रकार के दृष्टिकोण का विकास करती है। कविता में कवि रचना लिखना चाहता है लेकिन जैसे हुए विषय का चयन करने की कोशिश करता है तो उसे एक नहीं सैकड़ों समस्याएं दिखाई देती हैं जिस पर वह रचना लिख सकता है।
परंतु जैसे ही वह खोज करने लगता है तो उसे चौराहे की तरह चारों तरफ रास्ते खुले नजर आते हैं और वह असमंजस से मैं पड़ जाता है कि इस राह पर चले या उस राह पर चले। कविता का भाव यह है कि हमारे जीवन में सैकड़ों समस्याएं हैं और हमें उनका निदान करना है।
कवि हर व्यक्ति की बात पर गहराई से चिंतन करता है लेकिन वह पाता है कि हर व्यक्ति की वाणी से निकली पीड़ा इतनी विकराल है अर्थात प्रत्येक वाणी में पीड़ा या वेदना है। कवि यह भी देखता है कि हर व्यक्ति अपने तक ही सिमट गया है।
कविता हमें जिंदगी के अलग पहलु पर चिंतन करने पर बाध्य करती है कि हर व्यक्ति के जीवन में अनेक कठिनाइयाँ हैं जिन्हें पार करना है | जिस कारण कविता हमें साहित्य के लेखन में विरह, पीड़ा प्रकृत सौन्दर्य जीवन में सुख-दुःख तथा मानसिक द्वंद्व के दृष्टिकोण का विकास करती है।