मुझे नहीं लगता कोई इस सोए हुए पक्षी को जगाना चाहेगा विर्षों
पूर्व खुद सलिम अली ने कहा था कि लोग पक्षियो को आदमी की नजर से देखना
चाहते हैं। यह उनकी भूल हैं , ठीक उसी तरह जैस जंगलो और पहाडो झरनो और
को वो कलप्रकृति की नजर से नही,आदमी की नजर से देखने को उत्सुक रहते हैं।
भला कोई आदमी अपने कानो से पक्षियो की आवाज का मधुर संगीत सुनकर अपने
भीतर रोमांच का सोता फूटता महसूस कर सकता हैं। loebdyendgd
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thank u for question thanks yaar
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a jhcolglvkchfvcmhu PMC
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