माझे प्रेरक शिक्षक write easy
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इस दुनिया में शिक्षक के पेशे को सबसे अच्छे और आदर्श पेशे के रुप में माना जाता है क्योंकि शिक्षक किसी के जीवन को बनाने में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देते हैं। उनके समर्पित कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती। शिक्षक वो होते हैं, जो अपने सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखते हैं। वो उनके खाने की आदत, स्वच्छता का स्तर, दूसरों से व्यवहार और पढ़ाई की ओर एकाग्रता की जाँच करते हैं।
बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिये वो हर हफ्ते अपने बच्चों के नाखूनों को कटवाते हैं जिससे स्वच्छता और साफ-सफाई की आदत को उनके अंदर बनाये रखा जा सके। शिक्षक स्कूलों में हर चौथे महीने में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन करते हैं जिससे विद्यार्थियों का वजन, कद, बौद्धिक स्तर, रक्तचाप, हृदय गति, फेफड़ों की क्षमता, खून की जाँच, पेशाब की जाँच, छोटी माता प्रतिरक्षण, एमएमआर के लिये प्रतिरक्षा, चेचक, डीपीटी बूस्टर खुराक, पोलियो ड्रॉप आदि की नियमित जाँच हो सके और उनका स्वास्थ्य रिकार्ड रखा जाये।
शिक्षक कभी बुरे नहीं होते, ये केवल उनके पढ़ाने का तरीका होता है जो एक-दूसरे से अलग होता है और विद्यार्थियों के दिमाग में उनकी अलग छवि बनाता है। शिक्षक केवल अपने विद्यार्थियों को खुश और सफल देखना चाहते हैं। एक अच्छा शिक्षक कभी अपना धैर्य नहीं खोता और हर विद्यार्थी के अनुसार पढ़ाता है।
हमारे शिक्षक हमें साफ कपड़े पहनने के लिये, स्वस्थ भोजन खाने के लिये, गलत भोजन से दूर रहने को, अपने माता पिता का ध्यान देने के लिये, दूसरों से अच्छा व्यवहार करने के लिये, पूरे यूनिफार्म में स्कूल आने के लिये, जीवन में कभी झूठ नहीं बोलने के लिये, सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिये, अपने स्कूल, कॉपी, किताबों, दूसरी चीजों का ध्यान देने के लिये, पढ़ाई में एकाग्रता के लिये ईशवर से प्रार्थना करने के लिये, किसी भी दुविधा को लेकर अपने विषय शिक्षक से चर्चा करने के लिये आदि बहुत सी अच्छी बातों के लिये प्रेरित करते हैं।
शिक्षक एक माली के रूप में न केवल पौधे रूपी विद्यार्थियों को पोषित करता है, बल्कि उन्हें एक बेहतर मनुष्य के रूप में पल्लवित कर, संस्कार रूपी पुष्प खिलाकर, सदगुणों की महक भी देता है। हमारे सामाजिक और मानसिक स्तर को बनाने में शिक्षक का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है।
शिक्षक या गुरु उस कुम्हार के समान होता है, जो मिट्टी के बर्तन बनाते समय उसे एक हाथ से संभालता और दूसरे हाथ से आकार देता है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी अनुशासन के साथ हमें आकार देते हैं, ताकि हम एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हों। शिक्षक के बिना बेहतरभविष्य की ओर अग्रसर हों। शिक्षक के बिना बेहतर समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
हमारे विद्यालय में अनेक शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं, जो बच्चों को अलग-अलग विषय का ज्ञान देते हैं। सभी शिक्षक बहुत अच्छे और हम सभी विद्यार्थियों के सम्माननीय हैं। सुबह स्कूल खुलने के बाद वे सभी बच्चों से पहले विद्यालय पहुंचते हैं और सभी बच्चों के आ जाने पर वे प्रार्थना करवाते हैं। प्रार्थना के समय वे हमें प्रेरणा देने वाले म हापुरुषों के अनमोल वचन भी सुनाते हैं।कक्षा में पढ़ाते समय वे हमें अपने-अपने विषय का समुचित ज्ञान देते हैं, और समझ न आने पर हमारी हर शंका का समाधान भी करते हैं। कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ शिक्षक हमें कई अच्छी-अच्छी बातें भी समझाते हैं जैसे - बड़ों का सम्मान करना, सुबह उठकर धरती के पैर छूना, अपनी गलती पर क्षमा मांगना और विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना आदि।