Hindi, asked by soumya2021bhardwaj, 5 months ago

मुझे पाठ 16 भोर और बरखा क्लास सेवंथ एनसीईआरटी बुक के चैप्टर का सरल अर्थ चाहिए प्रसंग सहित

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Answered by anathakur27
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Explanation:

first add poem in the question ...

........हिंदी वसंत भाग 2 के इस पाठ में मीरा के पद दिये गए हैं। पहले पद में मीराबाई ने यशोदा माँ द्वारा श्रीकृष्ण को जगाने के किस्से का वर्णन किया है। मीरा के इस पद में माता यशोदा कान्हा को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उठाने का प्रयास कर रही हैं।

दूसरे पद में मीरा ने सावन के महीने का मनमोहक चित्रण किया है। साथ ही, इस पद में उन्होंने कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन भी किया है।

Answered by SushantLover
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Explanation:

Question 1:

‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?

Answer:

यहाँ यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं और कहती हैं – रात बीत गई है, सुबह हो गई है। हर घर के दरवाज़ें पर साधु-संत खड़े हैं। सभी ग्वाल-बाल शोर मचा रहे हैं, जयकार कर रहे हैं, माखन और रोटी हाथ में लेकर गायों की रखवाली के लिए जा रहे हैं, गोपियों के हाथ के कंगन बज रहे हैं।

Question 2:

नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए-

‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।’

Answer:

आशय – गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं।

Question 3:

पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

Answer:

प्रस्तुत पद में ब्रज की सुबह का अत्यंत मनोहर वर्णन प्रस्तुत किया गया है। ब्रज में भोर होते ही घर-घर के दरवाज़ें खुल जातें हैं, गोपियों के कंगना के झंकार से ऐसा प्रतीत होता है मानो ब्रज की सभी गोपियाँ दही मथने की क्रिया में मग्न है। साधु-संत जन द्वार पर भीक्षा मांग रहे हैं। सभी ग्वाल-बाल जयकार कर रहे हैं। उनके हाथ में माखन रोटी है और वे गायों को चराने के लिए ले जा रहे हैं।

Question 4:

मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा ?

Answer:

मीरा को सावन मनभावन लगता है क्योंकि सावन के आने से मन में उमंग भर आती है तथा सावन की बूँदों की ध्वनि से उसे अपने प्रभु के आगमन की अनूभूति होती है। नन्ही-नन्ही बूँदों के बरसने से उन्हें शीतलता महसूस होती है।

Question 5:

पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।

Answer:

सावन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

(i) सावन का दृश्य तथा अनुभव बहुत मनोहर होता है।

(ii) सावन में मन उमंग तथा उल्लास से भर उठता है।

(iii) सावन में बिजली चमकती है, बादल गरजते हैं, मनुष्य पशु-पक्षी सभी प्रसन्न होते हैं।

(iv) नन्हीं-नन्हीं बूँदों से हमें शीतलता की अनुभूति होती है।

(v) गर्मी कम हो जाती है।

(vi) काले बादल छा जाते हैं।

(vii) ठंडी हवाएँ बहने लगती है।

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