Hindi, asked by raghu572, 1 year ago

मुझे सूर्योदय पर कविता चाहिए।​

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Answered by pushpamitthu
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-:सूर्योदय हो रहा है:-

प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे

भोर का नभ

राख से लीपा हुआ चौका

बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से

कि जैसे घुल गई हो

स्लेट पर या लाल खड़िया चाक

मल दी हो किसी ने

नील झील में या किसी की

गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो।

और...

जादू टूटता है इस उषा का अब

सूर्योदय हो रहा है।

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