Hindi, asked by mk5717133, 2 months ago

मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।) expalain in hindi

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Answered by 7523sagun
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Answer:

पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का नाम छायावाद की उन हस्तियों में से है जिनके कारण वह युग विशेष हो गया। उस युग के कवि कुदरत को स्वयं के करीब महसूस कर लिखा करते थे। चतुर्वेदी जी की भी कई रचनाएं ऐसी हैं जहां उन्होंने प्रकृति के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। उनकी रचना पुष्प की अभिलाषा और फूल की मनुहार में उन्होंने एक कुसुम के द्वारा अपनी आंतरित संवेदनाओं को प्रकट किया है जिससे संकेत मिलता है कि वह एक राष्ट्रप्रेमी व्यक्ति होने के साथ-साथ अपनत्व से आप्लावित व्यक्ति थे।

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