मुझे देर हो रही है रेखांकित शब्द बताइए
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hi
Explanation:
सर्वनाम शब्द दो शब्दों के मेल से बना है- सर्व + नाम। सर्व का अर्थ है- सबका। ‘सर्वनाम का अर्थ है- ‘सबका नाम’।
व्याकरण में सर्वनाम ऐसे शब्दों को कहते हैं, जिसका प्रयोग सब प्रकार के नामों के लिए या उनके स्थान पर होता है।
सर्वनामों का अधिक प्रयोग वाक्यों में एक ही संज्ञा को बार-बार नाम की आवृत्ति, भाषा के सौंदर्य तथा उसकी सुगमता बनाए रखने के लिए होता है। इस तरह कह सकते हैं कि-
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर बोले जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं; जैसे- मैं, हम, वह, तुम, ने आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्नवाचक सर्वनाम
संबंधवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम शब्द का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए, सुनने वाले अर्थात जिससे बातें कर रहा है उसके लिए तथा उस व्यक्ति के लिए जिसके बारे में वह बात कर रहा है, प्रयुक्त करता है, वे सभी ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे- मैं, मेरा, मुझे, हम, हमारा, हमें, तू, मेरा, तुझे, तुम, तुम्हारा, तुम्हें, वह, वे, उन्हें, यह, ये, इन्हें आदि।।
उदाहरण –
मैं कह रहा हूँ कि तुम अपनी पुस्तक उसे दे दो।।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं-
(i) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द बोलने वाला अपने लिए प्रयोग करता है, वे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे- मैं, मेरा, हम, हमारा आदि।
मैं अभी पढ़ रहा हूँ।
हम सब एक है।
(ii) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम – बोलने वाले के द्वारा सुनने वाले के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है उसे मध्यम
पुरूष कहते हैं; जैसे- तुम, तू, आप।
(iii) अन्य पुरुष – जो सर्वनाम शब्द बोलने वाला या लिखने वाला किसी अन्य के लिए प्रयोग करता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे- वह, वे, उसे आदि।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द पास या दूर की किसी निश्चित वस्तु की ओर संकेत करे, वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते है; जैसे
दूर के लिए वह का प्रयोग होता है, जबकि पास के लिए यह का प्रयोग होता है।
यह मेरी कार है।
वह तुम्हारी साइकिल है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम शब्द से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध न हो, वह अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है; जैसे- कुछ, कोई आदि।
उदाहरण-
दूध में कुछ पड़ा हुआ है।
बाहर कोई बुला रहा है।
4. संबंधवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द दो भिन्न-भिन्न बातों में संबंध जोड़ने का काम करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं; जो, जिसकी, जैसा आदि।
उदाहरण-
जैसा करोगे, वैसा भरोगे।
जो सोता है, वो खोता है।
इन वाक्यों में जैसा तथा जो सर्वनाम वाक्य में दो सर्वनामों के बीच संबंध प्रकट कर रहे हैं अतः ये संबंधवाचक सर्वनाम है।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम शब्द से किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु या क्रिया-व्यापार आदि के विषय में प्रश्न का बोध होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। प्रश्न किसी व्यक्ति या प्राणी के संबंध में हो तो कौन या किसे का प्रयोग किया जाता है अथवा ‘क्या’ का प्रयोग होता है।
उदाहरण-
बाहर कौन खड़ा है?
आप किसे बुला रहे हैं?
6. निजवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनामों का प्रयोग स्वयं के लिए किया जाता है, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-अपने
आप, स्वयं, खुद, निज आदि।
उदाहरण-
वह अपना काम कर रहा है।
मैं अपने आप पढ़ लूंगी।
तुम्हें स्वयं जाना पड़ेगा।
उसने खुद ही बुलाया था।
सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण में अंतर
यह, वह, कोई, कुछ, कौन, क्या, कौन-सी आदि ऐसे शब्द हैं जिसका प्रयोग सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण दोनों ही रूपों में किया जा सकता है। इनके प्रयोग को समझने के लिए इन उदाहरणों की मदद ली जा सकती है
(i) संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने पर ये शब्द सर्वनाम होते हैं।
जैसे-1. बहार कौन खड़ा है? (प्रश्नवाचक सर्वनाम)
(ii) आहट से लगता है कि कोई आया है। (अनिश्चयवाचक सर्वनाम)
(iii) मुझे यह खिलौना अवश्य चाहिए और उसको मत देना।। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
(iv) ये शब्द संज्ञा से पूर्व लगकर संज्ञा की विशेषता प्रकट करते हैं, तब ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं; जैसे-
बाहर कौन आदमी आया है। (सार्वनामिक विशेषण)
आहट से लगता है कि कोई बच्चा आया है। (सार्वनामिक विशेषण)
मुझे यह खिलौना अवश्य चाहिए और किसी को मत देना। (सार्वनामिक विशेषण)
कुछ सर्वनाम शब्दों की रूप रचना
पुरुषवाचक ‘मैं’ (उत्तम पुरुष)
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता
कर्म
करण
संप्रदान
अपादान
संबंध
अधिकरण मैं, मैंने
मुझे
मुझसे, मेरे द्वारा
मेरे लिए, मुझको, मुझे
मुझसे
मेरा, मेरे, मेरी
मुझमें, मुझ पर हम, हमने
हमें
हमसे, हमारे द्वारा
हमारे लिए, हमको, हमें
हमसे
हमारा, हमारे, हमारी
हममें, हम पर
पुरुषवाचक सर्वनाम ‘तू’ (मध्यम पुरुष)
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता
कर्म
करण
संप्रदान
अपादान
संबंध
अधिकरण तू, तूने
तुझे
तुझसे, तेरे द्वारा
तेरे लिए, तुझे
तुझसे
तेरा, तेरे, तेरी
तुझमें, तुझ पर तुम, तुमने
तुम्हें
तुम्हारे द्वारा, तुमसे
तुम्हारे लिए, तुम्हें
तुमसे
तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी
तुम में, तुम पर
पुरुषवाचक सर्वनाम ‘वह’ (अन्य पुरुष)
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता
कर्म
करण
संप्रदान
अपादान
संबंध
अधिकरण वह, उसने
उसे, उसको
उससे, उसके
उसको, उसके लिए, उसे
उससे
उसका, उसकी, उसके
उसमें, उस पर वे, उन्होंने
उन्हें, उनको
उनसे, उनके द्वारा।
उनको, उन्हें, उनके लिए
उनसे
उनका, उनको, उनके
उनमें, उन पर
बहुविकल्पी प्रश्न
1. ‘सबका नाम’ का अभिप्राय है
(i) नाम
(ii) सबको
(iii) सर्वनाम
(iv) इनमें से कोई नहीं
2. पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद होते हैं
(i) दो
(ii) तीन
(iii) चार
(iv) पाँ