'मूक भाषा से क्या तात्पर्य है। दोनों में आपसी रिश्ता कैसा था?
Answers
मूक भाषा से तात्पर्य सांकेतिक भाषा भाषा से था। चूँकि जानवरों के जुबान नहीं होती, यानि कि वे बोल नहीं सकते, इसलिए वे आपस में संवाद मूक भाषा के ही जरिए करते हैं।
‘दो बैलों की कथा’ कहानी में हीरा और मोती नामक दोनों बैल आपस में इसी तरह मूक भाषा में संवाद करते थे। भूख भाषा द्वारा विचार विनिमय करते थे और एक दूसरे के भावों को समझ लेते थे। जब दोनों बैल झूरी के साले के घर पहुंचा दिए गए तो उन्हें नये स्थान पर जाकर अजीब सा लगा। उन्होंने मूक भाषा में एक दूसरे से सलाह मशविरा किया और एक दूसरे को कनखियों से देखा और चुपचाप बैठ गए। इसी तरह उनके रास्ते में जो-जो भी घटना हुई उन्होंने मूक भाषा द्वारा एक-दूसरे से संवाद स्थापित किया।
दोनों में आपसी रिश्ता बेहद आत्मीयता और भाईचारे वाला था। दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे और मुसीबत की घड़ी में एक दूसरे के काम आते। जब एक बैल संकट में पड़ गया और खेत का किसान मारने लगे तो दूसरा पहले को अकेला छोड़कर से भागा नहीं बल्कि उसका साथ देने के लिए वहीं पर खड़ा रहा। इस तरह पता चलता है कि दोनों में संवेदनशीलता थी और दोनों का आपसी संबंध बेहद प्रगाढ़ था। दोनों बैल एक खेत में मटर खाने लगे, कि अचानक साँड आ गया और उन दोनों से लड़ने लगा। ऐसे में उन्होंने मूक भाषा में आपस में सलाह मशविरा किया और एकता की शक्ति से सांड से लड़ाई। इस तरह उन्होंने एक होकर उस साँड को पछाड़ दिया।
≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡
‘दो बैलों की कथा’ पाठ से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
“दो बैलों की कथा” में लेखक ने जापान की मिसाल देकर क्या स्पष्ट किया है?
https://brainly.in/question/10431297
═══════════════════════════════════════════
प्र 1. झूरी के बैलों को कौन अपने घर लेकर गया? वह उन बैलों के प्रति कैसा व्यवहार करता था?
प्र 2. हीरा और मोती के स्वभाव में क्या अन्तर था?
https://brainly.in/question/10559690
═══════════════════════════════════════════
झूरी कौन था, दो बैलों की कथा में?
https://brainly.in/question/19751937
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer:
चूँकि जानवरों के जुबान नहीं होती, यानि कि वे बोल नहीं सकते, इसलिए वे आपस में संवाद मूक भाषा के ही जरिए करते हैं। 'दो बैलों की कथा' कहानी में हीरा और मोती नामक दोनों बैल आपस में इसी तरह मूक भाषा में संवाद करते थे। भूख भाषा द्वारा विचार विनिमय करते थे और एक दूसरे के भावों को समझ लेते थे।