(मेक इन इंडिया)पर निबंध 500 werd
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मेक इन इंडिया अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का एक सुविचार प्रेरित अभियान है, जिसकी आधार शिला 25 सितम्बर, 2014 को दिल्ली में रखी गयी थी। इस योजना के तहत भारत सरकार राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय दोनों ही उद्योगों को भारत में ही अपने उत्पादों के निर्माण के लिए प्रेरित कर रही है। क्या आपको पता है कि इस कार्यक्रम के आरम्भ के बाद, 2015 में, भारत वैश्विक स्तर पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में शीर्ष पर रहा, और उसने इस क्षेत्र में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया?
क्या आपको पता है की मेक इन इंडिया योजना बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है? दरअसल, देश में जनसँख्या बहुत ही तीव्र गती से बढती जा रही है। इससे युवाओं के लिए रोज़गार की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस योजना का उद्देश्य यही रहा है कि राष्ट्रीय और बहुर्राष्ट्रीय उद्योगों को भारत में ही निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित कर युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढाये जाएँ। अब जबकी मेक इन इंडिया योजना सफल हो रही है, युवाओं को निर्माण और रोज़गार के अन्य क्षेत्रों में काम मिलने लगा है। अगर हम इसी गति से आगे बढ़ते रहे तो हम जल्द ही आर्थिक रूप से सशक्त होने लगेंगे और हमारा विकासशील से विकसित बनने का सपना साकार होगा।
मेक इन इंडिया योजना में अर्थव्यवस्था के कुल 25 क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है, जैसे रसायन, जैविकतकनीक, सूचना प्रोध्योगिकी, विनिर्माण, मीडिया, खनन आदि। भारत सरकार के नए नियमों के अनुसार सिर्फ रक्षा, अंतरिक्ष और मीडिया क्षेत्रों को छोड़ कर, सभी क्षेत्रों में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की छूट है. इस वजह से ना केवल नए रोज़गार के अवसर पैदा हो रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का नाम एक ब्रांड के रूप में स्थापित भी हो रहा है।
भारत एक प्राक्रतिक संसाधनों से भरा हुआ देश है. इसकी भौगोलिक विविधता इस भूमि को बहुत ही उपजाऊ और संसाधनों से प्रचुर बनाए हुए है। अगर ज़रुरत है, तो सिर्फ इस बात की, कि हम सीखें की इन् प्राक्रतिक संपदाओं का हम किस प्रकार विवेकपूर्ण रूप से उपयोग कर सकते हैं ताकि हम विश्व आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सकें। अगर हम चाहें तो चीन, जर्मनी और अन्य पश्चिमी देशों की तरह ही अपना विनिर्माण बेल्ट बना सकते है। मेक इन इंडिया योजना के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी दूर दृष्टि यही है. वो चाहते हैं की भारत अपने औद्योगिक क्षेत्र को आगे लाने के लिए अपने स्वविवेक और क्षमता का प्रयोग करे. हमारे देश में प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित क्ष्रम की उपलब्धता बहुत अधिक है, अतः विनिर्माण के क्षेत्र में, वैश्विक रूप से, इसका बहुत अच्छा प्रयोग किया जा सकता है।
अभी तक भारत में विदेशियों को सहजता से व्यापार करने की आज़ादी नहीं थी और इस में बहुत सारी अटकलें थी। इसके कारण भारत में विदेशी निवेश बहुत कम हो पा रहा था। पर मेक इन इंडिया योजना में, भारत में, विदेशियों के लिए व्यापार नियमों को थोडा सहज बनाया गया है, जिससे की आने वाले कईं वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने के संभावना बहुत अधिक है।
बस इतना समझ लीजिये की मेक इन इंडिया का एक ही उद्देश्य है कि भारत को औद्योगिक रूप से बहुत विकसित कर दिया जाए ताकि भारत विश्व में के महान आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सके। सभी को रोज़गार मिल सके और समाज का उद्धार हो सके। हम आने वाले समय में अवश्य ही इसके अच्छे परिणाम देखेंगे