में कीजिए। 5. अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की मित्रता सत्य का एक झोंका तक क्यों न सह सकी? 6. अलगू चौधरी को अपने बैल के मर जाने का संदेह किस पर हुआ और क्यों? 7. समझू साहू का बैल कैसे मरा? 8. दूसरी बार बुलाई गई पंचायत में जुम्मन ने क्या निर्णय सुनाया? 9. पंचों को परमेश्वर क्यों कहा जाता है? 10. 'आज मुझे विश्वास हो गया है कि पंच की ज़बान से खुदा बोलता है'-जुम्मन के इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए। 11. संक्षिप्त परिचय दीजिए- (क) खालाजान (ख) अलग चौधरी (ग) जान शेख (घ) मायमान
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जुम्मन जब हज करने गये थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गये थे, और अलगू जब कभी बाहर जाते, तो जुम्मन पर अपना घर छोड़ देते थे। उनमें न खाना-पाना का व्यवहार था, न धर्म का नाता; केवल विचार मिलते थे। मित्रता का मूलमंत्र भी यही है।
उत्तर: बूढ़ी खाला ने अपनी मिल्कियत जुम्मन शेख के नाम रजिस्ट्री कर दी थी। (ङ) अपने प्रिय बैल के मर जाने पर अलगू को किस पर संदेह हुआ ? उत्तर: अपने प्रिय बैल के मर जाने पर अलगू को जुम्मन शेख पर संदेह हुआ।
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जुम्मन ने समझू साहू के मामले में क्या फैसला सुनाया? जुम्मन ने समझू साहू के मामले में यह फैसला सुनाया कि “समझू साहू के लिए उचित है कि वह बैल का पूरा दाम चुका दे।”
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Albums Chaudhuri aur jummon Shekh ki mitrta ka saty ek jhoka tha kyu ki.
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