Hindi, asked by sanasiddique716, 1 month ago

माँ के जैसी प्रकृति हमारी
करती हमसे प्यार।
नदियाँ, झरने, पर्वत सागर
पेड़ दिए उपहार।​

Answers

Answered by sangya077
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Explanation:

बागों में जब बहार आने लगे,

कोयल अपना गीत सुनाने लगे,

कलियों में निखार छाने लगे,

भँवरे जब उन पर मंडराने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया!!

खेतों में फसल पकने लगे,

खेत खलिहान लहलाने लगे,

डाली पे फूल मुस्काने लगे,

चारों ओर खुशबू फैलाने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया!!

आमों पे बौर जब आने लगे,

पुष्प मधु से भर जाने लगे,

भीनी-भीनी सुगंध आने लगे,

तितलियाँ उनपे मंडराने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया!!

सरसों पर पीले पुष्प दिखने लगे,

वृक्षों में नई कोंपले खिलने लगे,

प्रकृति सौंदर्य छटा बिखेरने लगे,

वायु भी सुहानी जब बहने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया!!

धूप जब मीठी लगने लगे,

सर्दी कुछ कम लगने लगे,

मौसम में बहार आने लगे,

ऋतू दिल को लुभाने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती

चाँद भी जब खिड़की से झाँकने लगे,

चुनरी सितारों की झिलमिलाने लगे,

योवन जब फाग गीत गुनगुनाने लगे,

चेहरों पर रंग अबीर गुलाल छाने लगे,

मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया!!

Answered by doll9539
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Answer:

पेड माँ के जैसे हमसे प्यार करती है

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