माँ का जन्मदिन - माँ को अचंभित करने की चाह - सभी परिवार वालों का जन्मदिन भूलने का नाटक - विदेश में रह रही नानी का पहले से टिकट बुक करवाना - माँ को कुछ न बताना - शाम को अचानक दरवाज़े पर नानी को देखना - खुशी से फूला न समाना
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एक गाँव मैं बहुत ही खुशी परिवार हुआ करता था / वो सब बहुत खुशी से रहा करते थे / उस परीवार मैं करण नाम का एक लड़का उसकी छोटी बहन और उसके माता पिता रहते थे / ऐसे ही करते करते करण के माँ का जन्मदिन पास आने लगा और करण अपने माँ को कुछ अच्छा उपहार देना चाहता था / उसने एक योजना बनाई / करण के माँ को अपने माँ को देखे हुए बहुत दिन हो गए थे / इसलिए करण ने एक ऐसी योजना बनाई की वो अपने माँ को अपने नानी से मिला सके / उसने अपनी विदेश में रहनी वाली नानी को माँ के जन्मदिन के लिए आमंत्रण देके उनकी टिकट बुक करली और उनको बुला लिया / माँ के जन्मदिन के दिन सभीने जन्मदिन भूलने का नाटक किया और माँ को नानी के बारे में कुछ न बताया / शाम होगई और दरवाजे की बेल बजी / जैसै ही माँ ने दरवाजा खोला वह अचंभित हो गई और खुशी से फूला न समाई /
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