Hindi, asked by himatrajsthan, 1 month ago

मोको कहां ढूंढे बंदे मैं तो तेरे पास में ना में दे वरना में मस्जिद ना काबे कैलाश में Kavyansh ka Shilp Saundarya spasht Kijiye Hindi​

Answers

Answered by thakurkhushi2405
10

मोको कहाँ ढूँढ़े बंदे , मैं तो तेरे पास में ।

ना मैं देवल ना मैं मसजिद , ना काबे कैलास में ।

ना तो कौने क्रिया - कर्म में , नहीं योग वैराग में ।

खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं , पलभर की तलास में ।

कहैं कबीर सुनो भई साधो , सब स्वासों की स्वास में॥

अर्थ ÷

ईश्वर कहाँ है और तुम उसे कहाँ ढूँढ रहे हो ? मैं जहाँ हूँ तुम वहां मुझे नहीं खोज रहे हो और तुम मुझे मंदिर मस्जिद में खोज रहे हो। ईश्वर किसी स्थान विशेष का नहीं है वरन तो इस श्रष्टि के कण कण में व्याप्त है। ना तो मैं मंदिर में हूँ और ना ही मस्जिद में, मैं ना तो काबे में हूँ और ना ही कैलाश में। ईश्वर को पवित्र और तीर्थ स्थानों पर ढूँढना मूर्खता है। किसी विशेष क्रिया कर्म से या वैराग्य धारण करने पर मुझे पाया जा सकता है। यदि कोई खोजने वाला हो तो मैं तो प्रत्येक सांस में मौजूद हूँ। तुम अंदर ढूंढो मैं अंदर ही हूँ। ऐसे ही बाबा बुल्ले शाह ने कहा की मंदिर मस्जिद में जा करके इश्वर को ढूंढ़ता है, जो अंदर बैठा है उसे कभी पकड़ा ही नहीं

hope it helps u lot mark as brainliest pls give thanks. . .

Similar questions