Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

'मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।" - इस पंक्ति का
आशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि लेखक क्या संदेश देना चाहता है ?
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Answered by Anonymous
21

दी गई पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है तथा लेखक का संदेश भी दिया गया है।

संदर्भ - प्रस्तुत पंक्ति " अब कहा दूसरों के दुख से दुखी होने वाले" पाठ से ली गई है। इस पंक्ति में लेखक ने सुलेमान बादशाह का चरित्र चित्रण किया है।सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पहले एक बादशाह थे। वह सभी पशु-पक्षियों की भाषा भी जानते थे।

व्याख्या

एक बार सुलेमान अपनी सेना के साथ एक रास्ते से गुज़र रहे थे। रास्ते में कुछ चींटियों ने जब रास्ते से गुजरते हुए घोड़ों के चलने की आवाज़ सुनी तो वे डर गई और एक दूसरे से कहने लगी कि जल्दी से सभी अपने-अपने बिलों में चलो नहीं तो मुसीबत आ जाएगी ।

सुलेमान ने उनकी बातें सुन ली, वे चींटियों से बोले कि " मै किसी के लिए मुसीबत नहीं हूं, सबके लिए मुहब्बत हूं। तुम में से किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है, सुलेमान को खुदा ने सबकी रक्षा करने के लिए बनाया है।"

इस पाठ के द्वारा लेखक यह संदेश देना चाहता है कि •आजकल इंसान इतना गिर गया है कि उसे किसी के दुख से कोई लेना देना नहीं। पुराने जमाने में लोग एक दूसरे की व्यथा देखकर दुखी ही जाते थे परन्तु आज इंसान वो नहीं रहा गया जो दूसरे के दुख को देखकर दुखी हो जाता था।

•लेखक ने इस पाठ में सुलेमान बादशाह का उदाहरण देते हुए बताया है कि जिस प्रकार सुलेमान राजा होते हुए भी पशु पक्षियों से प्रेम करता था तथा उनकी रक्षा करता था, हम सभी को इंसानों से तथा प्राणियों से प्रेम करना चाहिए।

Answered by prajwalshivakumar
4

Answer:

सुलेमान ने उनकी बातें सुन ली, वे चींटियों से बोले कि " मै किसी के लिए मुसीबत नहीं हूं, सबके लिए मुहब्बत हूं। तुम में से किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है, सुलेमान को खुदा ने सबकी रक्षा करने के लिए बनाया है।"

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