मूक सिनेमा और सवाक सिनेमा में क्या अंतर है? आपके द्वारा देखी हुई किसी मूक सिनेमा पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
Answers
मूक सिनेमा और सवाक सिनेमा में मुख्य अंतर यह है कि मूक सिनेमा में केवल दृश्य होते संवाद नही होते हैं, जबकि सवाक सिनेमा दृश्य और संवाद दोनो होते हैं।
व्याख्या :
मूक सिनेमा के पात्र आपस में संवाद नहीं करते। मूक सिनेमा संवादहीन होता है इसमें केवल एक सूत्रधार होता है जो कहानी का वर्णन करता है। जबकि सवाक सिनेमा में छात्रों के बीच संवाद स्थापित होता है। हर तरह के ध्वनियाँ होती हैं। गीत-संगीत होता है। मुक सिनेमा ध्वनि रहित होता है, जबकि सवाक सिनेमा ध्वनि से परिपूर्ण होता है। मूक सिनेमा सिनेमा के आरंभिक दौर का सिनेमा था, जब तकनीक का अधिक अविष्कार नहीं हुआ था और केवल मूक फिल्में बनती थी। सवाक फिल्मों के आने के बाद मूक सिनेमा का दौर खत्म हो गया।
आज भी कभी कभी कोई मूक फिल्म बन जाती है। हमने भी पुष्पक नाम की एक ऐसी मूक फिल्म देखी थी, जिसमें बिल्कुल भी संवाद नहीं थे। केवल पार्श्व में संगीत बजता था वह फिल्म देखने का अनुभव अनोखा था।
Answer:
sorry I can't help you because i teach math only