मुक्ति
2.
नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्या
धरा"
(क) धरती
(ख) नदी
तरिन
(ग) समुद्र
(ii) वह स्वयं के लिए सुविधाएँ जुटाना जानती है।
(iv) स्वतंत्रता के सामने सभी सुख-सुविधाएँ तुच्छ हैं।
मारे जाने की आशंका से भरे होने पर भी,
पिंजड़े से जितना अंग निकल सकेगा, निकालेगी।
हरसूं जोर लगाएगी
और पिंजड़ा टूट जाने या खुल जाने पर उड़ जाएगी।
(क) बाहर सुख-सुविधाओं का अभाव होने पर भी चिड़िया मुक्ति गान क्यों गाना चाहती है?
(i) वह सुख भोगने की अभ्यस्त नहीं है।
(iii) उसे मुक्ति का गाना प्रिय है।
(ख) 'हरा जोर लगाने' से क्या अर्थ है?
(ii) हर पल प्रयास करना
(iii) हर प्रकार से कोशिश करना
(iv) प्राणों की बाज़ी लगाना
(ग) पद्यांश में किसके महत्व को दर्शाया गया है?
(i) आज़ादी
(ii) पक्षियों के मनोभाव
(iii) गुलामी
(iv) जीवन की वास्तविकता
2. पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
(क) चिड़िया को
(ख) बाहर दाने
(i) विशेष प्रयास
(घ) मुक्ति
आजादी
3.
'गाना' से 'गान' भाववाचक संज्ञा बना
अब आप दिए गए क्रिया शब्दों से
(क) उड़ना
(ग) लगाना
4.
स्वर है।
मिलेगी।
3. कविता का सरलार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
4. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) कवि के अनुसार चिड़िया को बाहर किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?
(ख) चिड़िया को पिंजड़े के भीतर क्या-क्या सुविधाएँ प्राप्त हैं?
(ग) पिंजरबद्ध चिड़िया का स्वभाव कैसा है? कवि इस पक्षी के माध्यम से क्या संदेश देना चाहता है?
(ङ) थकना
मोटे परसर्ग के कारक का नाम लि
(क) वहाँ हवा में उन्हें
(ख) जिस्म की गंध
(ग) पानी के लिए भटकना है
(घ) पिंजरे से जितना अंग निकल
(ङ) कटोरी में भरा जल
(च) मुक्ति का गाना
5. नीचे दिए गए शब्दों के लिए वाव
(क) बहेलिया
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