मुक्ता फल का आशय होता है हिंदी में
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¿ मुक्ता फल का आशय होता है ?
✎... मुक्ताफल से आशय ईश्वर की भक्ति और आनंद रूपी मोती से है।
मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।
मुक्ताफल मुक्ता चुगैं, अब उड़ि अनत ना जाहिं।।
इस दोहे में मुक्ताफल से आशय यह है कि जो सच्चे संत होते हैं वे सांसारिक सुख दुख से विरक्त होकर ईश्वर की भक्ति एवं आनंद में लीन हो जाते हैं। और वह उस परमआनंद रूपी मुक्ता फल अर्थात मोती को प्राप्त कर लेते हैं। ये सच्चे संत ईश्वर भक्ति रूपी मानसरोवर में हंस बनकर परम आनंद रूपी मुक्ता फल अर्थात मोती को चुग लेते हैं। यहां पर कवि का मुक्ता फल से आशय ईश्वर की भक्ति रूपी परम आनंद का मोती है।
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