Hindi, asked by shreyaAzad, 4 months ago

मुक्त करो नारी को, मानव।
चिर बदिनि नारी को,
युग-युग की बर्बर कारा से
जननि, सखी, प्यारी को!
छिन्न करो सब स्वर्ण-पाश
उसके कोमल तन-मन के
वे आभूषण नहीं, दाम
उसके बंदी जीवन के!
उसे मानवी का गौरव दे
पूर्ण सत्व दो नूतन,

उसका मुख जग का प्रकाश हो,
उठे अंध अवगुंठन।
मुक्त करो जीवन–संगिनि को,
जननि देवि को आदूत
जगजीवन में मानव के संग ,
हो मानवी प्रतिष्ठित!
प्रेम स्वर्ग हो धरा, मधुर
नारी महिमा से मंडित,
नारी-मुख की नव किरणों से
युग-प्रभाव हो ज्योतित! - कवि नारी को किस रूप में उल्लेख कर रहा है - (क) मातृ (ख) सखी (ग) जीवन संगिनी(घ) सभी का​

Answers

Answered by princechaudhari82
1

Answer:

कवि नारी को सभी के रूप में उल्लेख कर रहे हैं

Answered by priyadarshinibhowal2
0

(घ) सभी का​

  • सदियों से चली आ रही महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे एक पुरुष के लिए मां, दोस्त और प्रेमिका की भूमिका निभाती हैं। दी गई कविता की पंक्तियाँ एक महिला द्वारा अपने जीवन में निभाए गए कर्तव्यों को चित्रित करती हैं। एक महिला अपने घर और अपने बच्चों के लिए एक माँ को जिन विभिन्न जिम्मेदारियों की आवश्यकता होती है, उन्हें पूरा करने के लिए एक महिला अथक रूप से काम करती है।
  • इसके अलावा, वह अथक रूप से काम करती है फिर भी अपने आप को अपने प्रियजनों के लिए एक दोस्त के रूप में बदलने का समय निकाल लेती है। यहाँ तक कि वह अपने पुरुष के लिए प्रेमी की भूमिका भी निभाती है, जबकि अन्य दो भूमिकाएँ भी निभाती है। पंक्तियाँ 'माँ, दोस्त, प्यारी!' एक महिला द्वारा निभाई गई इन भूमिकाओं को चित्रित करती प्रतीत होती है।

अतः विकल्प (घ) सही है।

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#SPJ3

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