माँ की तरह हमपर
प्यार लुटाती है प्रकृति ।
बिना मांगे हमें कितना
कुछ देती जाती है प्रकृति ।
दिन में सूरज की रोशनी देती,
रात में शीतल चाँदनी लाती,
जल से हमारी प्यास बुझाती,
दिन रात प्राणदायिनी हवा चलाती,
मुफ्त में हमें ढेरों साधन उपलब्ध कराती है प्रकृति ।
पदयांशका bhaverte likhiya
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Nice work my friend I like your poem✌
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