Hindi, asked by gvanshika600, 4 months ago

मां का दुःख कवि को कैसा प्रतीत हो रहा है। कन्यादान​

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Answered by anshika55291294
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Answer:

प्रस्तुत कविता में कवि कहते हैं कि कन्यादान के समय माँ का दुःख बहुत ही प्रामाणिक था। कन्यादान की रस्म में माँ विवाह के समय अपनी बेटी को किसी पराए को दान दे रही हैं। माँ के जीवन भर का लाड प्यार दुलार द्वारा सँवारी बेटी - उसकी अंतिम पूँजी थी। ... इस बात को लेकर माँ चिंतित है|

Explanation:

Have a nice day

bye

Answered by ishuism000
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Answer:

इस कविता में कवि ने उस दृश्य का वर्णन किया है, जब एक मां अपनी बेटी का कन्यादान कर रही होती है। इन पंक्तियों में उपरोक्त पंक्तियों में कन्यादान के समय के मां के मनोभावों का वर्णन है। ... इसलिए कन्यादान करते समय मां का दुःख वास्तविक होता है कवि ने यही दर्शाने का प्रयत्न किया है।

Explanation:

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