Hindi, asked by ps2687535, 2 months ago

मां क्या करूं कहो मुझसे क्या है कि जो ना हो मुझसे अंगीकार आर्या करते सप्रसंग व्याख्या करें ​

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Answered by dablu8970choubay
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Answer:

पढ़ाई करते वक्त ध्यान भंग होना कोई विशेष बात नहीं। यह छात्र - छात्राओं में आम परेशानी है। लेकिन इसका समाधान है। मैं स्वयं भुक्तभोगी हूँ। इसलिए अनुभव पर आधारित जवाब लिखने की कोशिश रहेगी।

एकाग्रता से पढ़ना कोई जादू से नहीं आता। इसके लिए अभ्यास की जरूरत होती है। इसलिए पहले तो पढ़ने के लिए अभ्यास कीजिये। मतलब पहले तो ५-६ घंटे तक लगातार पढ़ने की प्रैक्टिस कीजिये। कुछ भी पढ़िए। कुछ भी।

एक सप्ताह तक ऊपर के अभ्यास के बाद आपको एक बात समझ आएगी। इन एक सप्ताह में आपकी एकाग्रता कभी भंग नहीं हुई। कारण? आपने वह पढ़ा जो आपकी रूचि थी। जिसे पढ़ना आपको पसंद था। यही बात आपको समझनी है।

अब आप अपने पाठ्यक्रम के विषयों की रूप रेखा समय सारणी इस प्रकार बनाइये कि कोई भी दो थ्योरी के विषय लगातार न हों।

हर पाठ्यक्रम में दो प्रकार के विषय होंगे। थ्योरी और प्रैक्टिकल। इनमे भी कुछ ऐसे जो आपको पसंद हैं और जिन पर आपकी पकड़ है और कुछ ऐसे जिन्हे आप पसंद भी नहीं करते और जिन पर आपकी पकड़ भी नहीं।

एक घंटा थ्योरी और फिर एक घंटा प्रैक्टिकल। इस प्रकार विषयों को बाँट कर समय सारणी बनाई जानी चाहिए।

कमजोर विषयों को अधिक समय देना और मजबूत विषयों पर लगातार पकड़ बनाये रखने की सलाह को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हर पाठ्यक्रम में कुछ विषय ऐसे होते हैं जिन पर आगे की उच्च शिक्षा की ऊँची इमारत टिकी होती है इसलिए ऐसे विषयों पर एक रणनीति की तहत पढाई करने की सलाह दी जाती है।

पढाई के नाम पर दोस्तों और लड़कियों से व्हाट्सप्प पर बातें करना, गुड मॉर्निंग, गुड नाईट। अनर्गल वार्ता और अवांछित बातचीत, ये सब कुल मिला कर स्वयं को धोखा देना हीं साबित होता है। इससे भी ध्यान भंग होता है।

समय का समुचित उपयोग पढाई के घंटों का समुचित बँटवारा और प्रैक्टिकल विषयों के अभ्यास की जरूरत को ध्यान में रख कर कुछ नियम बना कर पढ़ाई करनी चाहिए।

अंत में कुछ बातें। जब तक आप अपने विषयों में रूचि नहीं लेंगे, आपका ध्यान भंग होता रहेगा। मन को शांत कर अनर्गल बातें सोचना बंद कर पढ़ने की कोशिश करनी होगी। लेकिन सिर्फ कहने से नहीं होगा। इसके लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं जिससे आपका मन शांत और अनर्गल बातें नहीं आएगी।

दुनियाँ से कट जाइये। अपनी किताबें, और नोट बुक लेकर क्वारंटाइन हो जाइये। घर वाले आपके कमरे में खाना, नाश्ता आदि भेज दें। आप कमरे से बाहर न जाइये। जाइये तो समाचार न सुनिए। सिर्फ थोड़ी देर के मनोरंजन के बाद वापस। घर वालों से अधिक बात नहीं। रिश्तेदारों के बारे में कोई बात नहीं।

फोन पर बात चित बंद। सिर्फ पढाई और कुछ नहीं। किताबों में डूब जाइये।

इंटरनेट, व्हाट्स अप्प, टेलीग्राम आदि का प्रयोग /उपयोग केवल पढाई के लिए और कुछ नही। गर्लफ्रेंड को भूल जाइये।

त्यौहार, न्यू ईयर पार्टी, दीपावली, ईद, क्रिसमस, होली, शादी बच्चे, सब कुछ भूल जाइये। आपकी पढाई के बीच जो कुछ आये, उसे भूल जाइये। पढ़ने-सुनने में अजीब लग सकता है मगर यही निजी अनुभव है। सारी दुनियाँ जब दीपावली के पटाखे जला रही थी, हम अगले दिन चार्टर्ड एकाउंटेंसी की परीक्षा के लिए जा रहे थे। सारी दुनियाँ क्रिसमस और नए साल का जश्न मना रही थी और हम कंपनी सेक्रेटरी की परीक्षा के लिए जा रहे थे।

दोस्त सबसे बड़े दुश्मन होते हैं इन दिनों। पता नहीं पढ़ते हैं या नहीं, मगर विघ्न डालने जरूर आयंगे। दोस्तों को समय दीजिये। मगर इतना याद रखिये कि जितना वक्त उन्होंने बरबाद किया है, उसे पूरा किये बिना आप सो नहीं सकते। उस दिन की पढाई उसी दिन। अगले दिन के लिए कुछ नहीं छोड़ना है। निर्णय आपको लेना है कि दोस्तों को समय देना है या प्यार से मना करना है।

#SPJ2

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