Hindi, asked by vickysingh21361, 3 months ago


माँ ,कविता के अधार पर बताओ कि माँ का हथियार कया है?मां कविता के आधार पर बताओ कि मां का हथियार क्या है ​

Answers

Answered by Anonymous
3

Answer:

सुनने में छोटा बहुत ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,प्रथम गुञ्जायमान आखर हैं माँ |

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,प्रथम गुञ्जायमान आखर हैं माँ |'प्रदीप' माँ की महत्ता भारी ,

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,प्रथम गुञ्जायमान आखर हैं माँ |'प्रदीप' माँ की महत्ता भारी ,लहर करुणामयी सागर हैं माँ ||

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,प्रथम गुञ्जायमान आखर हैं माँ |'प्रदीप' माँ की महत्ता भारी ,लहर करुणामयी सागर हैं माँ ||प्रदीप दाधीच 'दीप'

सुनने में छोटा बहुत ,अर्थ बड़ा गहरा हैं माँ |वेद-पुराण बता न सके ,ऐसी ममता का सहरा ||पतझड़ में खिलता फूल ,सावन में बरसता बादल हैं माँ |हर दुःख- सुख को सहने वाला ,ऐसी ममता का आँचल हैं माँ ||प्रथम गुरू है अपने अंश की ,प्रेम-ज्ञान का गागर हैं माँ|संकट-विपत्त हरे सुता की ,रामबाण सा कारक हैं माँ||नन्हें-मुन्हें अधरोष्ठों पर ,प्रथम गुञ्जायमान आखर हैं माँ |'प्रदीप' माँ की महत्ता भारी ,लहर करुणामयी सागर हैं माँ ||प्रदीप दाधीच 'दीप'धन्यवाद

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