Hindi, asked by watimaya085, 5 months ago

मौखिक
क. कवि नाविक से क्या कह रहा है?​

Answers

Answered by Yashii12
9

Answer:

where is your poem ??

Please write correct Question

Answered by klal8804
0

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

आज सिन्धु ने विष उगला है

लहरों का यौवन मचला है

आज हृदय में और सिन्धु में

साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

लहरों के स्वर में कुछ बोलो

इस अंधड में साहस तोलो

कभी-कभी मिलता जीवन में

तूफानों का प्यार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

यह असीम, निज सीमा जाने

सागर भी तो यह पहचाने

मिट्टी के पुतले मानव ने

कभी न मानी हार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

सागर की अपनी क्षमता है

पर माँझी भी कब थकता है

जब तक साँसों में स्पन्दन है

उसका हाथ नहीं रुकता है

इसके ही बल पर कर डाले

सातों सागर पार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

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