मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) कर्मवीर भाग्य के भरोसे क्यों नहीं बैठते?
(ख) कर्मवीर अपनी मदद स्वयं कैसे करते हैं?
(ग) कर्मवीर किस प्रकार दूसरों के लिए उदाहरण बनते हैं?
(घ) 'शेर का भी सामना' से कवि का क्या अभिप्राय है?
(ङ) 'गाँठ खोलने' से कवि का क्या अभिप्राय है?
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क) प्रस्तुत पंक्ति में कवि का आशय यह है कि कर्मवीर व्यक्ति भाग्य के भरोसे कभी नहीं बैठते और न ही कभी उन्हें दुख होता है और न ही वे कभी असफल होते हैं और न ही भी पछताते हैं।
(ख) काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं।
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karmveer bhag ke bharose isliye nahin baithte kyunki unke samne musibat chahe kitni hi badi Ho karmveer usse ghabrate nahin hai chahe kam Kitna bhi kathin ho vah usse bhi ghabrate nahin hai aur vah bhag ke bharose nahin baithte jisse unhen pachtava nahin hota yah ek karmveer ki pahchan hai
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