मौखिक और लिखित संप्रेषण को स्पष्ट कीजिए।
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मौखिक सम्प्रेषण-
जब कोई संदेश मौखिक अर्थात मुख से बोलकर भेजा जाता है तो उसे मौखिक सम्प्रेषण कहते हैं। यह भाषण, मीटिंग, सामुहिक परिचर्चा, सम्मेलन, टेलीफोन पर बातचीत, रेडियो द्वारा संदेश भेजना आदि हो सकते हैं। यह सम्प्रेषण का प्रभावी एवं सस्ता तरीका है। यह आन्तरिक एवं बाह्य दोनों प्रकार के सम्प्रेषण के लिए सामान्य रूप से प्रयोग किया जाता है। मौखिक सम्प्रेषण की सबसे बड़ी कमी है कि इसे प्रमाणित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसका कोई प्रमाण नहीं होता।
लिखित सम्प्रेषण-
जब संदेश को लिखे गये शब्दों में भेजा जाता है, जैसे पत्र, टेलीग्राम, मेमो, सकर्लूर, नाेिटस, रिपोटर् आदि, ताे इसे लिखित सम्प्रेषण कहते है। इसकी आवश्यकता पड़ने पर पुष्टि की जा सकती है। सामान्यत: लिखित संदेश भेजते समय व्यक्ति संदेश के सम्बन्ध में सावधान रहता है। यह औपचारिक होता है। इसमें अपनापन नहीं होता तथा गोपनीयता को बनाए रखना भी कठिन होता है।