Hindi, asked by sumahiremath333, 1 month ago

मुखिया का गुण : मुख के समान :: संत का गुण :​

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Answered by badreeshchamoli
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मुखिया को मुख या मुँह के समान होना चाहिए। इस प्रकार तुलसीदासजी कहते हैं कि मुँह खाने पीने का काम अकेला करता है, लेकिन वह जो खाता पीता है, उससे शरीर के सारे अंगों का पालन पोषण करता है। इसलिए मुखिया को भी ऐसे ही विवेकवान होकर वह अपना काम अपने तरह से करे लेकिन उसका फल सभी में बाँटे

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