Hindi, asked by ruheebehlim, 6 months ago


मेखलाकार पर्वत अपार
अपने सहस्र दृग-सुमन फाड
अवलोक रहा है बार-बार
नीचे जल में निज महाकार,​

Answers

Answered by remixvideo7860
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Answer:

मेखलाकार पर्वत अपार

अपने सहस्र दृग सुमन फाड़,

अवलोक रहा है बार बार

नीचे जल में निज महाकार,

जिसके चरणों में पला ताल

दर्पण सा फैला है विशाल।

यहाँ पर पर्वत श्रृंखला की तुलना करघनी (कमर में पहनने वाला गहना) से की गई है। विशाल पर्वत अपने सैंकड़ों फूल जैसी आँखों को फाड़कर नीचे पानी में जैसे अपना ही अक्स निहार रहा हो। साधारण भाषा में कहा जाये तो पानी में पहाड़ का प्रतिबिम्ब बन रहा है। पहाड़ के चरणों में जलराशि किसी विशाल आईने की तरह फैली हुई है।

Answered by sah87827
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मानवीकरण अलंकार

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