) माखन व्यापारी के गोदाम से अनाज को लूटने के पीछे जमींदार का क्या
उद्देश्य था?
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O माखन व्यापारी के गोदाम से अनाज को लूटने के पीछे जमींदार का क्या उद्देश्य था?
► माखन व्यापारी के गोदाम से अनाज लूटने के पीछे जमींदार नारायण सिंह का उद्देश्य गरीबों के लिए अनाज उपलब्ध करवाना था। 1856 के आसपास सोनाखान तथा आसपास की जगहों पर भीषण सूखे का प्रकोप हो गया था और आम जनता दाने-दाने के लिए तरसने लगी थी। ऐसे में सूखे की मार से पीड़ित लोग सोनाखान नामक जगह पर एकत्रित हुए और जमींदार कुमार नारायण सिंह के नेतृत्व में माखन व्यापारी के पास गए।
माखन व्यापारी का अनाज गोदाम से भरा था। जमींदार नारायण सिंह ने माखन व्यापारी से आग्रह किया कि वह अपना अनाज गरीबों और भूखे, बेबस, लाचार वनवासियों वनवासी किसानों को खाने के लिए दे दे। जब किसानों की स्थिति ठीक होगी तो वह फसल सही होने पर ब्याज सहित वापस कर देंगे, लेकिन माखन व्यापारी ने जमींदार नारायण सिंह की बात मानने से इनकार कर दिया। तब नारायण सिंह ने माखन व्यापारी के गोदाम के सारे ताले तोड़ दिए और उनमें से सारा अनाज निकाल गरीब किसानों में बांट दिया।
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Answer:
छत्तीसगढ़ में सूखा व अकाल पड़ने के कारण यहां के लोगों की भूखे मरने की नौबत आ गई थी इसलिए उन्होंने माखन व्यापारी के अनाज के गोदाम को खोल दिया और सब गरीब अनाज ले गए क्युकी व्यापारी अनाज को गोदाम में भण्डार करके रखते हैं और जनता यहां भुखी हैं इसलिए किसानों की भलाई के लिए उसने अनाज के गोदाम को खोल दिया।।।।।।।।।