Math, asked by gayatrimishra69, 4 months ago

मुखर संचार के कार्य लिखिए​

Answers

Answered by RvChaudharY50
9

प्रश्न :- मुखर(मौखिक) संचार के कार्य लिखिए ?

उतर :-

मौखिक संचार भाषा का उपयोग बोलने या संकेत भाषा के माध्यम से जानकारी स्थानांतरित करने के लिए होता है ।

यह सबसे आम प्रकारों में से एक है, अक्सर प्रस्तुतियों, वीडियो सम्मेलनों और फोन कॉल, बैठकों और एक-एक वार्तालाप के दौरान उपयोग किया जाता है ।

मौखिक संचार के कार्य :-

  • लिखित संचार की तुलना में यह कम खर्चीला या किफायती है ।
  • यह तेज है और समय में बचाता है ।
  • लिखित संचार की तुलना में यह अधिक प्रभावी है ।
  • यह एक व्यक्तिगत स्पर्श स्थापित करता है और अधिक से अधिक समझ की ओर जाता है ।
  • गलतफहमी या संदेह को तब और वहां से हटाया जा सकता है ।
  • रिसीवर की तत्काल प्रतिक्रिया, प्रेरणा या प्रतिक्रिया ली जा सकती है ।
  • त्वरित और शीघ्र होने का विशिष्ट लाभ मौखिक संचार है ।
  • यह संदेश के ट्रांसमीटर और रिसीवर दोनों को सीधे जवाब देने का अवसर प्रदान करता है ।

यह भी देखें :-

प्रश्न 9:- प्रभावी संचार कौन-कौन से हैं ?

https://brainly.in/question/29555978

Answered by ItzSecretBoy01
3

Answer:

21वीं शताब्दी का मानव संचार माध्यमों से घिरा हुआ है। इसके अभाव में न तो कोई व्यक्ति, समूह व समाज प्रगति कर सकता है और न तो मानव जीवन में जीवान्तता आ सकती है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए लार्ड मैकाले ने संचार को 'चौथीसत्ता' का नाम दिया। संचार के कार्यो को उनकी प्रकृति के आधार पर दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहला, प्राथमिक कार्य- जिसके अंतर्गत सूचना देना, शिक्षित करना, निर्देशित करना दूसरा, द्वितीयक कार्य- जिसके अंतर्गत विचार विमर्श, संगोष्ठी, सेमीनार, परिचर्चा, वार्तालॉप इत्यादि आते हैं । संचार विशेषज्ञ हैराल्ड लॉसवेल ने संचार के तीन प्रमुख कार्य बतलाया है।

1. सूचना संग्रह एवं प्रसार,

2. समाज व परिवेश के विभिन्न अंगों से सम्बन्ध स्थापित करना, और

3. सांस्कृतिक विरासत को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित करना।

(1) सूचित करना : एक जमाना था, जब कहा जाता था- Knowledge is Power (ज्ञान ही शक्ति है), लेकिन आज कहा जाता है- The Information is Power (सूचना ही शक्ति है)। दूसरे शब्दों में, जिसके पास नवीनतम और अधिकतम सूचना होगी, वह सबसे अधिक ताकतवर होगा। आधुनिक युग में सूचना एक शक्तिशाली हथियार बनकर उभरा है, जिस व्यक्ति या समाज या राष्ट्र के पास जितनी अधिक सूचना होती है, उसे उतना ही अधिक शक्तिशाली माना जाता है। उतना ही अधिक प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। मानव अपने जिज्ञासु स्वभाव के कारण पास-पड़ोस और देश-दुनिया की ताजातरीन घटनाओं से जुड़ी सूचनाओं को जानने के लिए सदैव तत्पर रहता है। सूचनाओं के अभाव में स्वयं को समाज से कटा हुआ महसूस करता है। आधुनिक युग में संचार माध्यमों का प्रमुख कार्य सूचना देना है। इस कार्य को समाचार पत्र, पत्रिका, रेडियो, टेलीविजन, कम्प्यूटर, ई-मेल, इंटरनेट, टेलीफोन, मोबाइल, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, यू-ट्यूब, वेब पोर्टल्स इत्यादि के माध्यम से किया जा रहा है।

(2) शिक्षित करना : संचार का दूसरा प्रमुख कार्य शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर समाज के लोगों को शिक्षित करना है। शिक्षा ने विज्ञान को जन्म दिया है और विज्ञान ने संचार माध्यमों को। अब संचार माध्यम शिक्षा और विज्ञान दोनों के प्रचार व प्रसार में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं। समाज को शिक्षित करने का उद्देश्य मात्र पढऩा-लिखना नहीं है, बल्कि देश व समाज में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी देकर उपयोग करने योङ्गय बनाना है। शिक्षा से मानव का बौद्धिक विकास व चरित्र निर्माण होता है। मानव जीवन में कलात्मकता का सूत्रपात होता है। अपने अनुभवों के आदान-प्रदान से मानव बहुत कुछ सीखने का प्रयत्न करता है। अनुभवों का उद्भव अनौपचारिक संचार से होता है, जिसमें औपचारिक शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का कथन है कि, संचार माध्यमों द्वारा शिक्षा का जितना अधिक प्रचार-प्रसार होगा, देश व समाज उतना ही अधिक सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और नैतिक विकास की दृष्टि से समृद्धशाली होगा। आजकल टेलीविजन व रेडियो पर NCERT और IGNOU के अनेक शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण हो रहा है। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं व वेबसाइटों पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। अत: लोगों का शिक्षित करना संचार का प्रमुख कार्य है।

(3) मनोरंजन करना : संचार माध्यमों का तीसरा प्रमुख कार्य लोगों का मनोरंजन करना है। मनोरंजन में मानव जीवन की नीरसता को तोडऩे, चिंता व तनाव से ध्यान हटाने तथा ताजगी भरने की क्षमता होती है। यहीं कारण है कि संचार माध्यमों की मदद से कार्टून, लेख, संगीत, कविता, नाटक इत्यादि का प्रसारण/प्रकाशन किया जाता है। वर्तमान समय में सिनेमा, रेडियो, टेलीविजन, कम्प्यूटर, इंटरनेट जैसे माध्यम लोगों के समक्ष मनोरंजनात्मक सामग्री प्रस्तुत कर रहे हैं। मनोरंजन लोगों की भावना व संवेदनशीलता से जुड़ा है, क्योंकि अपने दैनिक जीवन में लोग सिनेमा कलाकारों का अनुसरण करते हैं। मनोरंजन के माध्यमों से लोगों को पास-पड़ोस के परिवेश, संस्कृति, फैशन इत्यादि के बारे में जानने, समझने व सीखने का मौका मिलता है। संचार माध्यम समाज में अलग-अलग स्थानों पर बिखरे किन्तु एक ही प्रकृति के लोगों को मनोरंजन के माध्यम से जोड़ता है तथा आनंद की अनुभूति कराता है। सन् 1990 के दशक में टेलीविजन तथा सन् 2000 के दशक में एफएम रेडियो ने बेडरूम में घुसपैठ की तथा मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का प्रसारण कर लोगों को अपने मोह जाल में फंसा लिया।

आधुनिक युग में सूचना और मनोरंजन परस्पर एक दूसरे के निकट आ गये हैं। इसका उदाहरण है, समाचार पत्रों में कार्टून तथा टीवी चैनलों पर एनीमेशन के साथ समाचारों का प्रकाशन व प्रसारण। इनके मिश्रण से एक नया शब्द बना है-'इन्फोटेन्मेंट' अर्थात् ऐसी सामग्री जिसमें 'इनर्फोमेशन' (सूचना) भी हो और 'इंटरनेटमेंट' (मनोरंजन) भी।

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