माला बिखर गई तो क्या खुद ही हल हो गई समस्या आंसू गर नीलाम हो जाए तो समझो पूरी हुई समस्या
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छिप-छिप अश्रु बहाने वालों / यह कविता गोपालदास "नीरज" द्वारा लिखी गई है | इस कविता में कवि ने मनुष्य को आगे बढ़ने ... माला बिखर गई तो क्या है, खुद ही हल हो गई समस्या आँसू गर नीलाम हुए तो, समझो पूरी हुई तपस्या। ... इस कविता में कवि ने मनुष्य को आगे बढ़ने के बारे में बताया है यदि जीवन में कुछ मुश्किलें आ जाए तो जीवन नहीं मर करता | ... कुछ मुसीबतें आ जाने से , जीवन नहीं मर करता | माला के टूट जाने से कुछ नहीं होता समय के साथ समस्या खुद ही हल हो जाती है| .
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