माल एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन की विधि समझाइए
Answers
Answered by
2
Answer:
अधिनियम की धारा 2 (20) में परिभाषित किया गया है जिसका मतलब है वह व्यक्ति जो कभी-कभी माल एवं सेवाओं के क्रम य व्यापार के आगे बढ़ाने में चाहे प्रमुख (प्रोंसिपल) या एजेंट या किसी अन्य क्षमता में किसी राज्य या एक संघीय क्षेत्र में जहाँ उसका कोई निश्चित स्थान नहीं है, सौदा करता है।
Answered by
1
- अधिनियम की धारा 2 (20) में परिभाषित किया गया है जिसका मतलब है वह व्यक्ति जो कभी-कभी माल एवं सेवाओं के क्रम य व्यापार के आगे बढ़ाने में चाहे प्रमुख (प्रोंसिपल) या एजेंट या किसी अन्य क्षमता में किसी राज्य या एक संघीय क्षेत्र में जहाँ उसका कोई निश्चित स्थान नहीं है, सौदा करता है।
Similar questions