Hindi, asked by kabitaroy044, 5 months ago

मिले गांठ परी जाय का वास्तविक आशय क्या है​

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Answered by Harshitachandak
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Answer:

टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ : रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता. यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है.

Answered by Anonymous
0

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Q. मिले गांठ परी जाय का वास्तविक आशय क्या है ?

=> टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ : रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता. यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन होता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है.

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