मूल को सींचने से क्या आशय है?
(क) जड़ों को सींचना
(ख) परमात्मा को जल चढ़ाना
(ग) परमात्मा को साधना
(घ) मंदिर में आरती करना।
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सही उत्तर है....
➲ (ग) परमात्मा को साधना
✎... कवि रहीम द्वारा रचित दोहे में मूल को सीखने से आशय परमात्मा को साधने से है। कवि रहीम ने मनुष्य को यह शिक्षा देते हुए कहते हैं कि तने, पत्ती, शाखा, फूल आदि को पानी देने की जगह कि पेड़ की जड़ों को ही पानी दिया जाए तो पेड़ अधिक फलता-फूलता है। कवि ने यह बात मनुष्य और ईश्वर की भक्ति के संबंध में कही है। कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि व्यर्थ के आडंबर और कर्मकांड आदि समय लगाने की जगह सीधे ईश्वर का ध्यान किया जाए तो ईश्वर को जल्दी पाया जा सकता है अर्थात सीधे लक्ष्य पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इधर उधर ध्यान नही भटकना चाहिए, तभी लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
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