Hindi, asked by cmanoj9090, 5 months ago

मौलिक सृजन
'परिवर्तन सृष्टि का नियम है' इस
संदर्भ में अपना मत व्यक्त कीजिए। ​

Answers

Answered by Anonymous
6

वेदना को देखकर क्यों मेरे मन तू घबराए,

पथिक के आख़िरी ठहराव को कब तक तू झुठलाए।

कभी भर अंश्रु इन कोमल नैनों में तू,

कभी अधीर हो प्रसन्नता के रथ पर चढ़ जाए।

काल के कपाल पर तू कील ठोक रहा है न,

यही 'परिवर्तन ही सृष्टि का नियम' कहलाए।।

Answered by jaat08253
3

Explanation:

परिवर्तन तो हर स्थान पर दृष्टिगोचर होता है क्षण प्रति क्षण। सृष्टि कितनी पुरानी है इसका आकलन तो मेरे लिए असंभव है। पर इसी सृष्टि में सतयुग त्रेता युग द्वापर युग के बाद हमारा दुर्भाग्य है कि कलियुग में इसको देख रहे हैं । ... हां हमारी पृथ्वी पर तरह तरह के आविष्कारों की बहुतायत हो गयी है जो पहिले के युगों में शायद नहीं थे।

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