में लिखिए:
सतर्क पंथ और समर्थ भाव से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजि
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सर्तक पंथ से कवि का अभिप्राय ऐसे मार्ग पर बढ़ना है, जिसमें संभल कर चलना है।
समर्थ भाव से कवि का अभिप्राय ऐसे भाव से है, जिसमें वह पूर्ण रूप से समर्थ हो।
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