Hindi, asked by ramgisoren81, 27 days ago

मूल स्वर क्या है 200 शब्दों में​

Answers

Answered by rahul42291
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Answer:

मूल स्वर का अर्थ होता है हिंदी भाषा में प्रारंभ से ही जोश और प्रयुक्त होते हैं वे अब मूल स्वर शब्द की आवश्यकता क्यों पड़ी उसको हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि कालांतर में हमें दूसरी भाषाओं से कुछ स्वागत करने पड़ते हैं उधार लेने पड़ते हैं जैसे उदाहरण के लिए मैं आपको बताता हूं आजकल हिंदी में अंग्रेजी शब्दों का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ गया है और वह समय की मांग है उन शब्दों को नकारा भी नहीं जा सकता जैसे हमारे पास चिकित्सक और कार्यालय इस प्रकार के शब्द हैं फिर भी हमें डॉक्टर और ऑफिस अधिक शब्दों का प्रयोग करना पड़ता है क्योंकि यह बहुत अधिक प्रचलन में आ गए तो ऐसे समय में यदि हम इनके प्रश्न को रोकना चाहे तो रोका भी नहीं जा सकता और रोकना उचित भी नहीं आता हिंदी में उन शब्दों को स्वीकार कर लिया तो जब डॉक्टर और ऑफिस जैसे शब्दों को स्वीकार किया तो उनका शुद्ध उच्चारण भी करना आवश्यक हो जाता है और शुद्ध उच्चारण करने के लिए हिंदी के पास ऐसा कोई शहर नहीं है तो अंग्रेजी हमने जो उनके ऊपर अर्धचंद्र लगता है बिना बिंदु वाला वह और का स्वर हमने अंग्रेजी से ले लिया उसको आगत स्वर कहा जाता है तो इस प्रकार जब आगत स्वर आ गए तो जो पहले से ही हिंदी में तेज मूल हिंदी में चाहिए हिंदी के प्रारंभ से जो सूअर हैं उन्हें मूल स्वर कहा जाता है और मूल स्वर हिंदी में क्या रहा है वह आ इ ई उ ऊ ऋ ए हाई हो यह 11 स्वर हैं

Answered by nishakankarwal51
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Explanation:

स्वर शब्द का अर्थ है — ध्वनि ।

जिसके उच्चारण करने पर मुख से ध्वनि बिना किसी रुकावट के निकलती है ।

अर्थात्

जिनके उच्चारण में अन्य किसी ध्वनियों की सहायता नहीं ली जाती ।

हिंदी में स्वरों की संख्या ११ है ।

अ, आ ,इ ,ई ,उ ,ऊ, ए, ऐ, ओ ,औ, ऋ

उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर स्वरों के तीन भेद हैं —

१ हृस्व स्वर २ दीर्घ स्वर ३ प्लुत स्वर

१ — जिन स्वरों के उच्चारण में कम से कम समय लगता है उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं । हृस्व स्वर चार हैं — अ,इ उ,ऋ

२ — जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं — ये सात हैं — आ ,ई ,ऊ ,ए ,ऐ, ओ ,औ

३ — जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से तिगुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं ।स्वर वर्णमाला में कोई भी प्लुत स्वर नहीं होता है । इसका प्रयोग किसी को पुकारने के लिए किया जाता है ।इसे ३ अंक से प्रकट किया जाता है । जब किसी को लम्बी आवाज में पुकारते हैं । जैसे — रा३म ,ओ३म् ,हे३देव

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