Hindi, asked by sushmapatel44297, 1 month ago

माला तो कर में फिरे, जीभ फिरै मुख मांहि । मनुवां तो च्ह दिसि फिरै, यह तो सुमिरन नांहि ।​

Answers

Answered by mrgoodb62
4

Answer:

माला तो कर में फिरै

माला तो कर में फिरै, जीभ फिरै मुख माहिं।

मनुवा तो चहुँदिसि फिरै, यह ते सुमिरन नाहिं।।

कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य हाथ में माला फेरते हुए जीभ से परमात्मा का नाम लेता है पर उसका मन दसों दिशाओं में भागता है। यह कोई भक्ति नहीं है।

~ संत कबीर

Answered by anshika2918
3

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