Science, asked by harisunderrout7172, 11 months ago

मूल्य शिक्षा के अभाव में व्यक्ति कैसा बन जाता है ?

Answers

Answered by shishir303
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मूल्य शिक्षा के अभाव में व्यक्ति स्वार्थी बन जाता है।

Explanation:

मूल्य शिक्षा से तात्पर्य केवल स्वयं के बारे में ना सोच कर परमार्थ की कामना करना है। संसार के सारे जीव मात्र के प्रति सद्भाव की भावना रखना मूल्य शिक्षा का सही अर्थ है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही जीवो के प्रति सद्भावना और सब के कल्याण की कामना की शिक्षा दी जाती रही है। हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है... सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चिद दुःख वाग्भवेत। जिसका अर्थ है कि सभी का कल्याण हो, सभी सुखी हों ,सभी निरोगी हों और सब जगह शुभ ही शुभ हो, दुर्गुणों को नाश हो और सद्गुणों का  उदय हो। इस तरह की प्रार्थना संस्कृति की महानता को दर्शाती है और मूल्य शिक्षा इसी तरह के सिद्धांत पर आधारित होती है।

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