मूल्य वृद्धि आर्थिक विकास का पोषक भी है अवरोधक भी है
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Explanation:
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The BODMAS rule is to be remembered here.
In mathematics and computer programming, the order of operations (or operator precedence) is a collection of rules that reflect conventions about which procedures to perform first in order to evaluate a given mathematical expression.
For example, in mathematics and most computer languages, multiplication is granted a higher precedence than addition, and it has been this way since the introduction of modern algebraic notation.Thus, the expression 2 + 3 × 4 is interpreted to have the value 2 + (3 × 4) = 14, and not (2 + 3) × 4 = 20. With the introduction of exponents in the 16th and 17th centuries, they were given precedence over both addition and multiplication, and could be placed only as a superscript to the right of their base. Thus 3 + 52 = 28 and 3 × 52 = 75.
Answer:
नव औद्योगिक देश|नए औद्योगिक देश]]। इनमें से कई 1997 के एशियाई आर्थिक संकट की चपेट में आ गए थे।]] देशों, क्षेत्रों या व्यक्तिओं की आर्थिक समृद्धि के वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं। नीति निर्माण की दृष्टि से आर्थिक विकास उन सभी प्रयत्नों को कहते हैं जिनका लक्ष्य किसी जन-समुदाय की आर्थिक स्थिति व जीवन-स्तर के सुधार के लिये अपनाये जाते हैं। वर्तमान युग की सबसे महत्वपूर्ण समस्या 'आर्थिक विकास' की समस्या है। आर्थिक स्वतन्त्रता के बिना राजनैतिक स्वतन्त्रता का कोई महत्व (उपयोग) नहीं है। विकास और उससे जुड़े हुए tha के इस महत्व के कारण ही अर्थशास्त्र]के क्षेत्र में [विकास-अर्थशास्त्र]नामक एक अलग विषय का ही उदय हो गया। किन्तु पिछले कुछ वर्षों से विकास-अर्थशास्त्र के एक स्वतंत्र विषय के रूप में अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न-सा उभरता दिखाई दे रहा है। कई अर्थशास्त्री हैं जो "विकास-अर्थशास्त्र" नामक अलग विषय की आवश्यकता से ही इनकार करने लगे हैं, इनमें प्रमुख हैं- स्लट्ज, हैबरलर, बार, लिटिल, वाल्टर्स आदि। अर्थशास्त्रियों का एक वर्ग "विकास-अर्थशास्त्र" को ही समाप्त कर देने की मांग करने लगा है।कुछ अर्थशास्त्रियों ने 'आर्थिक विकास' (इकनॉमिक डेवलपमेन्ट), 'आर्थिक प्रगति' (इकनॉमिक ग्रोथ) और दीर्घकालीन परिवर्तन (सेक्युलर डेवलपमेन्ट) की अलग-अलग परिभाषाएँ की हैं। किन्तु मायर और बोल्डविन ने इन तीनों श्ब्द-समूहों का एक ही अर्थ में प्रयोग किया है तथा अलग-अलग अर्थ निकालने को 'बाल की खाल निकालना' कहा है। उनके अनुसार आर्थिक विकास एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में दीर्घकालिक वृद्धि होती है
Explanation:
विकास का अर्थ एवं माप : विकास के अर्थ और माप को लेकर अर्थशास्त्र में एक बहस और विवाद चला आ रहा है। किन्तु इतनी लंबी बहस के बावजूद भी विकास का अर्थ ही स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जब कोई अर्थशास्त्री विकास के बारे में अपना मंतव्य प्रकट करना चाहे तो वह विकास का अर्थ बताता है एवं उसकी परिभाषा देता है। किन्तु कुछ समय बाद वह स्वयं ही अपनी परिभाषा से असंतुष्ट दिखाई देता है। वह महसूस करता है कि वह जो कुछ चाहता था, वह कह नहीं पा रहा है, वह जहां जाना चाहता था, जा नहीं पा रहा है। यह एक अजीब स्थिति है कि विकास का अर्थ स्पष्ट हुए बिना ही विकास योजनाएं, विकास माडल, विकास नीति एवं रणनीति तैयार हो रहीं है और विकास के नाम पर प्रत्येक देश में अनेक प्रकार की गतिविधियां भी चल रही हैं। यह एक ऐसी ही स्थिति हुई जैसे किसी व्यक्ति को जिस स्थान पर जाना हो उसे उस स्थान का नाम और दिशा ही स्पष्ट न हो, किन्तु फिर भी वह चल पड़े।
गैरआर्थिक (सामाजिक) सूचक : सामाजिक सूचकों में मनुष्य की आधारभूत आवश्यकताओं के रूप में बताया गया है। मुख्य सामाजिक सूचकों में ये शामिल हैं- जीवन प्रत्याशा, केलौरी-पान, शिशु मृत्यु दर, विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाओं में भर्ती संख्या, आवास, पोषण, स्वास्थ्य तथा ऐसी ही अन्य वे सब चीजें जो मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं से सम्बंध रखती हैं।