Hindi, asked by kartiksaini07610761, 3 months ago

मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।
प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन
सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई
पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक
लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए ​

Answers

Answered by Madankumar808103
6

Answer:

मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।

प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन

सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई

पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक

लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।

प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन

सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई

पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक

लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।

प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन

सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई

पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक

लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।

प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन

सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई

पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक

लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए

Answered by payalgpawar15
0

question :

मूलगामी की गरीबी नाम से अभिहित दी जाती है।

प्रगतिशील देशों में रहता चरम पर निदेश्य जीवन

सारहीन होता है अनिाव में सब कुछ शायर्वत दिखाई

पडने लगता है। सम्मा और संस्कृति का विकास कारक

लिए पहली बनजागहैं।प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए

Answer :

मूलगामी की गरीबी

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