World Languages, asked by vijaytabib9, 11 months ago

मुलगा मुलगी एक समान 10 line ​

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Answered by balicheema73
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आधुनिक युग में लड़का -लड़की में कोई अंतर नहीं है। यदि आज भी कोई ऐसी धारणा रखता है के लड़की कुछ नहीं कर सकती तो वो बिल्कुल गलत सोच रहा है। आज लडकियां लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं वो सब कुछ कर रही हैं जो आज के दौरान लड़के कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान लड़कियों ने हर क्षेत्र में सफ़लता हासिल की और यह साबित किया है के लडकियां प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम हैं

आज ऐसा समय आ गया है कि लड़कियां बड़े से बड़े कार्य को भी सम्भाल रही हैं पहले की तरह नहीं यहां लडकियों को केवल घर का काम और बच्चे सम्भालने की सिवाए कोई और काम नहीं होता था क्योंकि उस वक्त लड़कियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी ।

आज सरकार और समाज ने लड़कियों को बराबरी का दर्जा दिया है सभी वर्गों में लड़का -लड़की दोनों सामान तरक्की कर रहे हैं। कल्पना चावला , झांसी की रानी और सानिया मिर्जा जैसी महिलाओं ने साबित कर दिया है के लडकियां भी किसी से कम नहीं आज कल लडकियां अपने दम पर डॉक्टर , खिलाड़ी , वकील , अध्यापिका , पुलिस , पायलट आदि जैसे सभी महत्वपूर्ण पेशों में अपना नाम रोशन कर रही हैं।

किन्तु देश के कुछ इलाके ऐसे भी हैं यहां पर लड़कियों को भेदभाव की नज़र से देखा जाता है। उन्हें जन्म लेने से पहले ही कोख में मार दिया जाता है और महिलाओं को घरेलू कार्यों और बच्चों के पालन –पोषण तक ही सीमित रखा जाता है जो समाज के लिए बड़ी ही दुखदायक बात है ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि इस बात को सभी समझ सकें के लड़का लड़की में कोई फ़र्क नहीं है बल्कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्भ होना चाहिए।

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लड़का लड़की एक समान पर निबंध 200 शब्दों में

दोस्तों लड़का दलड़की एक समान यह बात बिल्कुल सत्य है आज महिलाएं भी वो सब कार्य कर रही हैं जो पुरुष कर सकते हैं आज महिलाएं घरेलू काम काज तक ही सीमित नहीं है आज वह हर कार्य करने में सक्षम हैं फिर चाहे वो डॉक्टर हो , इंजिनियर , वकील, अध्यापक पायलट आदि में अपना नाम चमका रही हैं।

किन्तु आज भी हमारे समाज में ऐसे क्षेत्र हैं यहां लडकियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है उन्हें कमज़ोर समझकर उन्हें सिर्फ घरेलू कामों तक ही सीमित रखा जाता है उन्हें पढ़ने का मौका तक नहीं दिया जाता है। चिंता की बात है के ऐसे क्षेत्रों में आज भी सरकार के सख्त कानूनों के बावजूद भी लिंग परीक्षण का धंधा खुलेआम चल रहा है।

आज हमें यह समझने की सख्त जरूरत है के महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है इसीलिए आज महिलायों को कमज़ोर न मानकर उन्हें किसी भी तरह के अधिकारों से वंचित नहीं रखना चाहिए क्योंकि नारी की प्रगति में ही देश और पूरे समाज की प्रगति है इसीलिए यह कहना गलत नहीं होगा के लड़का लड़की एक समान
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