Hindi, asked by riyakushwah2809, 9 hours ago

मालती ने रोते हुए शिशु को मुझसे लेने के लिए हाथ बढ़ाते हुए कहा "इसको चोटें लगती ही रहती हैं, रोज ही गिर पड़ता है।"

. मेरे मन ने कहा "माँ! युवती माँ यह तुम्हारे हृदय को क्या हो गया है! जो तुम एकमात्र बच्चे के गिरने पर ऐसी बात कह

सकती हो .... और यह भी तब जब तुम्हारा सारा जीवन तुम्हारे आगे है।"

दोस्तों इस गद्यांश का व्याख्या बता दीजिए प्लीज प्लीज प्लीज ​

Answers

Answered by reetataya
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Answer:

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Answered by syedtahir20
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व्याख्या - इसके अंतर्गत गद्यांश में कही गई मुख्य बातों को अपने शब्दों में विस्तार के साथ व्यक्त किया जाता है। गद्यांश के मूल भाव को स्पष्ट किया जाता है। गद्यांश में प्रयुक्त कठिन शब्दों का सरलार्थ भी किया जा सकता है।

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