मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में। अर्थ समझाओ
Answers
➲ इस पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार होगा...
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में।
अर्थ ⦂ कवि का कहना है कि गोताखोर समुद्र में जब गहरी डुबकी लगाता है तो उसे खाली हाथ लौटना पड़ता है क्योंकि उसे यह अच्छी तरह पता होता है कि समुद्र की गहराई में इतनी आसानी से मोती नहीं मिलने वाले। वैसे ही इस बात को समझ कर हैरान होता है इस चक्कर में वह लगााकर करता है और दुगने उत्साह से जुड़ जाता है। वह यही सोचता है कि उसकी मुट्ठी हमेशा खाली नहीं रहेगी.
◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌
Explanation:
कवि कहते हैं कि जीवन की प्रतियोगिता में असफलता से विमुख न होते हुए अपनी कमियों को खुद पहचानकर स्वप्रयत्न से लगातार आगे बढ़ने से हार कभी नहीं होती है। कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती। चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।कवि कहते हैं – लहरों से डरकर नौका कभी भी सागर को पार नहीं कर सकती।