मामा जी दूसरे किसान से क्या प्रदान किया
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मामाजी और वैद्यजी ऐसे दो नेता हैं जिन्होंने आदिवासी अंचल में रहकर राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। स्व. वैद्य ने समाज, देश व मानवता के लिए त्याग किया। संपूर्ण समाज को उनका ऋणी होना चाहिए। उन्होंने उपभोक्तावाद के बावजूद मानवता के लिए संघर्ष किया।
यह बात पूर्व विधायक व भारत नशामुक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. सुनीलम ने कही। वे प्रखर पत्रकार, पूर्व सांसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कन्हैयालाल वैद्य की 109वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय इंडोर स्टेडियम में रखी गई व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा क्षेत्र की स्कूलों में बच्चों से वैद्य व मामा बालेश्वर दयाल के जीवन पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करवाना चाहिए। इससे ऐसे कर्मशाली पुरुष के बारे में क्षेत्र के लोगों को जानकारी मिल सके। उन्होंने विद्यार्थियों से मामाजी और वैद्यजी से प्रेरणा लेने की बात कही। डॉ. सुनीलम ने क्षेत्र के राजनेताओं से कहा वैद्यजी व मामाजी के जीवन वृत्तांत को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करवाने के प्रयास करना चाहिए।
पूर्व नपा अध्यक्ष नारायण भट्ट ने कहा वैद्यजी जो ठान लेते थे वह करके ही दम लेते थे। उनके दृढ़ निश्चय के चलते ही उन्होंने राजशाही के खिलाफ आंदोलन चलाया और लगभग 10 राजाओं को गद्दी से हटाकर ही दम लिया। वैद्यजी की ख्याति इतनी थी कि लंदन में हो रहे गोलमेज सम्मेलन तक में उनकी चर्चा होती थी। सीसीबी अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया ने कहा वैद्यजी ने पत्रकारिता के द्वारा राजशाही के खिलाफ आंदोलन छेड़ा तो वहीं मामाजी ने शिक्षा का अलख जगाकर आदिवासियों को जागृत किया। यदि वैद्यजी जैसे लोग न होते तो आज इस आदिवासी अंचल की स्थिति पूर्वांचल की तरह होती। वसुनिया ने कहा हमारा प्रयास होगा कि थांदला शहर में किसी संस्थान का नाम वैद्यजी के नाम पर रखा जाए। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टी सहमत हैं। पूर्व विधायक रतनसिंह भाबर, राष्ट्रीय मोर्चा के महानियंत्रक केसी यादव, ओमप्रकाश भट्ट, गणपतलाल वैद्य ने भी संबोधित किया।
भास्कर संवाददाता भट्ट का सम्मान
जिले के वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट का पत्रकारिता के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजन समिति के सदस्य और राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा ने शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया। इनके अलावा मामाजी की मानस पुत्री मालती बहन का भी सम्मान किया। अंत में वैद्य विद्या निकेतन के वार्षिकोत्सव में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार वितरित किए गए। स्वागत भाषण क्रांतिकुमार वैद्य ने दिया। संचालन अक्षय भट्ट ने किया। आभार बालकवि बिहारीलाल वैद्य ने माना। कार्यक्रम में मामा बालेश्वरदयाल के राजस्थान के अनुयायियों द्वारा मामाजी के जीवन पर बनाए गए कैलेंडर का विमोचन भी किया गया। इस दौरान आयोजन समिति के चंदू प्रेमी, अक्षय भट्ट, मनोज उपाध्याय, कमलेश तलेरा, मनीष अहिरवार, आत्माराम शर्मा, रीतेश गुप्ता सहित नगर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के सदस्य और जिलेभर से आए मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
Answer:
how do we know this chapter hum apke school me Padhte h kya her ek school ke subject se chapters alag hote hai kaise pata ki mama ji dusre kisan se Kya pradahan kiya???