) मोमबत्ती जलाने पर सबसे पहले मोम का कौन सा हिन्दी
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शब्द व्युत्पत्ति
हिन्दी भाषा में इस शब्द की व्युत्पत्ति इसके लिए उपयोग में लाये जाने वाले पदार्थ मोम और बत्ती से हुई। इसके निर्माण में केवल यही दो वस्तुओं की आवश्यकता होने के कारण इन्हें मिला कर मोमबत्ती शब्द बनाया गया। इस शब्द की व्युत्पत्ति लेटिन भाषा में केंडेला शब्द (जिसका अर्थ रोशनी से है।) से हुई। जिसका उपयोग अंग्रेज़ी और एंग्लो नॉर्मन भाषा में केंडल के नाम से किया जाता है।[1]
इतिहास
मोमबत्ती का पहली बार निर्माण और उपयोग चीन में हुआ। तब इसका निर्माण व्हेल के चर्बी से किया जाता था। उसके बाद यूरोप में प्राकृतिक वसा, तेल, और मोम से इसका निर्माण किया जाने लगा। रोम में मोम की अत्यधिक लागत के कारण तेल से इसका निर्माण होता था।[2]
Explanation:
Answer:
हिंदी में यह शब्द इसके लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थ मोम और बाती से बना है। इसके निर्माण में केवल इन्हीं दो वस्तुओं की आवश्यकता होने के कारण इन्हें मिलाकर मोमबत्ती शब्द की उत्पत्ति हुई। यह शब्द लैटिन शब्द कैंडेला (जिसका अर्थ है प्रकाश) से लिया गया है। जो अंग्रेजी और एंग्लो-नॉर्मन भाषाओं में केंडल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
Explanation:
शब्द-साधन
हिंदी में यह शब्द इसके लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थ मोम और बाती से बना है। इसके निर्माण में केवल इन्हीं दो वस्तुओं की आवश्यकता होने के कारण इन्हें मिलाकर मोमबत्ती शब्द की उत्पत्ति हुई। यह शब्द लैटिन शब्द कैंडेला (जिसका अर्थ है प्रकाश) से लिया गया है। जो अंग्रेजी और एंग्लो-नॉर्मन भाषाओं में केंडल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इतिहास
मोमबत्तियां सबसे पहले चीन में बनाई और इस्तेमाल की गईं। फिर इसे व्हेल ब्लबर से बनाया गया। यह तब यूरोप में प्राकृतिक वसा, तेल और मोम से बनाया गया था। रोम में मोम की कीमत अधिक होने के कारण इसे पेट्रोलियम से बनाया जाता था।
मोमबत्तियों के बारे में पूरी जानकारी और मोमबत्तियों के बारे में रोचक तथ्य शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां दिवाली पर दीयों से मोमबत्तियां न जलाई जाती हों। खुशी का मौका हो, गम का हो या विरोध का, हर जगह मोमबत्तियां नजर आती हैं। 1990 से पहले, अधिकांश घरों में बिजली जाने पर मोमबत्तियों का उपयोग किया जाता था, और आज भी करते हैं।
जब मोमबत्ती का आविष्कार हुआ था, तो उसका उद्देश्य केवल मोम को जलाकर प्रज्वलित करना था। उस समय बड़ी या छोटी, पतली या मोटी मोमबत्तियाँ बेलनाकार मोमबत्ती के आकार में बनाई जाती थीं। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन रोम के लोगों ने ईसा से 500 साल पहले पारंपरिक मोमबत्तियां बनाना शुरू किया था।
यह तब अलग-अलग तरीकों से विकसित हुआ। आज इसका उपयोग सजावट के लिए भी किया जाता है। इसके साथ ही आजकल अलग-अलग आकार, रंग और सुगंध में कई तरह की मोमबत्तियां भी उपलब्ध हैं। जिससे आप न सिर्फ घर को सजा सकते हैं बल्कि उसे चमकदार और सुगंधित भी बना सकते हैं।
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