मैं
मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या?
अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाए।
वंधया धरती पर भी स्वर्णिम पुष्प खिलाए । अपने नहीं अभाव मिटा पाया जीवन भर
पर औरों के सभी अभाव मिटा सकता हूं। तूफानों भूचालों की भयप्रद छाया में,
मैं ही एक अकेला हूं, जो गा सकता हूं।
मेरे मैं की संज्ञा भी इतनी व्यापक है,
इसमें मुझसे अगणित प्राणी आ जाते हैं।
क) उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में किसका महत्व प्रतिपादित किया गया है ?
ख) किन किन परिस्थितियों में मजदूर ने अपनी घबराहट नहीं प्रकट की है ?
ग) मैं शब्द व्याकरण की किस कोटि में आता है ?
घ) वंध्या धरती और देवों की बस्ती से कवि का क्या अभिप्राय है ?
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What laborers do I belong to?
I made heaven on the ground numberless.
Vandhayas also fed golden flowers on the earth. Won't delete your lack of life
But I can eliminate all the lack of others. Fear of storms
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