मैं मज़े में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,
संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।
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मैं मज़े में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,
संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ कविता ‘घर की याद’ से लिया गया है। यह कविता भवानी प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गई है |
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ में जब कवि जेल में तब उन्हें घर की याद आती है | जेल के अंदर उन्होंने यह घर की याद आती है | वह अपने दुःख को पंक्तियों में व्यक्त करते है |
व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ में मैं मजे में हूँ , यह सच्च हो , बस अंतर इतना है कि मैं घर में नहीं हूँ | घर की याद को मैं को मामूली मान रहा हूँ , परंतु यह बहुत बड़ी बात है , यह कोई छोटी बात नहीं है | घर की याद ने मेरे जीवन को दुखमय बना दिया है | मैं यहाँ पर नर्क की तरह जीवन कप व्यतीत कर रहा हूँ |
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