Hindi, asked by ayaanpathan2022, 6 months ago

माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है,
किंतु डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है,
जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसंधान न भूलें ! meaning of this

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Answered by shishir303
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माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है,

किंतु डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है,

जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसंधान न भूलें !

भावार्थ : ‘चरित्र निर्माण का गीत’ कविता की पंक्तियों का भावार्थ यह है कि भले ही जीवन में आगे कठिनाइयों का संकटों का विशाल समुंदर है, हमें उसमे डूबना नही है। हमें संघर्षों से घबराना नहीं है और संघर्षों से निरंतर लड़ते रहना है। कठिनाइयों के इस समुंदर में डूबना साहसी व्यक्तियों को स्वीकार नहीं। वह निरंतर विपरीत परिस्थितियों से जूझते हैं, लड़ते हैं और अपनी समस्या को सुलझाने का पूरा प्रयत्न करते हैं। अपनी कठिन से कठिन समस्या को सुलझाने के लिए नए-नए उपाय करने आवश्यक हैं। ताकि शीघ्र से शीघ्र बाधाओं पर विजय पाकर अपने लक्ष्य को पाया जा सके।

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