मैं ने बोला, किंतु मेरी रागिनी बोली-
“देख फिर से, चाँद! मुझको जानता है तू?
स्वप्न मेरे बुलबुले हैं? है यही पानी?
आग को भी क्या नहीं पहचानता है तू?'
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I CAN'T UNDERSTAND THIS.
IF IT'S A QUESTION THAN WRITE PROPERLY
OR ELSE DON'T POST SUCH THINGS
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