मां निबंध
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मुझे मेरी माँ से बहुत प्रेम है। माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा और हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है।
माँ ही हमारी पहली शिक्षक होती है। वह हमें जन्म देती है और इस सुंदर धरती पर लाती है। माँ ही हमें अच्छे बुरे का ज्ञान देती है।
माँ हमारे खाने पीने से लेकर हमारी हर एक चीज का ध्यान रखती है। माँ यह भी जान जाती है कि कब मेरा बच्चा दुखी है और कब नहीं है।
माँ हमारे हर एक काम में और हमारी किसी भी प्रगति के मार्ग में हमारे साथ हमें सहायता देने के लिये कड़ी होती है। हमें कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े पर वह हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी रहती है।
माँ बहुत व्यस्त रहती है फिर भी जब हम उसे एक आवाज़ देते है वह सारे काम छोड़कर एक बार में आ जाती है।
वह सोने से पहले हमारे लिये बिस्तर लगाती है जब बचपन में हमें नींद नहीं आती है तो वह हमें लोरियां, कहानियां सुनाती है ताकि हम आराम से सो सके। माँ से बढ़कर पूजनीय और कोई नहीं होता है।
आप सभी ने सुना होगा पूत कपूत सुने पर न माता सुनी कुमाता अर्थात एक बार पुत्र तो कुपुत्र हो भी सकता है पर माता कुमाता कभी नहीं हो सकती है।
मेरी माँ बहुत ही स्वादिष्ट खाना बनाती है और घर के सभी सदस्य को प्रेम पूर्वक खिलाती भी है। माँ घर में सभी का ध्यान रखती है, इसीलिए हमको भी अपनी माँ की देखभाल करना चाहिये, जब माँ को आपसे कोई काम हो तो ज़रूर उनकी सहायता करना चाहिए। मैं अपनी माँ का पूरा-पूरा ख्याल रखता हूँ यहाँ तक कि मैं रसोई के काम में भी उनकी सहायता करता हूँ।
माँ हमें हमेशा शिक्षाप्रद बातें सिखाती है। वह हमें बुरे लोगों से दूर रहने को कहती है। हमें अच्छे बुरे की पहचान कराती है। वह हमें एक अच्छाई का पाठ पढ़ाती है वह सबकी सहायता करने को कहती है और सच बोलते की शिक्षा देती है।
माँ को हमारे पुराणों में भगवान की उपमा दी गयी है। माँ हमारे लिये पूजनीय है। हम सभी को माँ की इज्जत व सम्मान करना चाहिये।
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